परमाणु बम की खोज किसने की ?

Parmanu Bam Ki Khoj Kisne Ki :- जैसे-जैसे हम आधुनिक दुनिया की ओर बढ़ते जा रहे हैं, वैसे-वैसे हम कई तरह के हथियार तथा बम बनाते जा रहे हैं। उनमें से परमाणु बम एक महत्वपूर्ण हथियार हैं।

जिसका इस्तेमाल करने से बहुत नुकसान होता है। आज हम इसी खतरनाक बम के बारे में आपको जानकारी प्रदान करेंगे।

हम इस लेख के अंतर्गत आपको परमाणु बम की खोज किसने की ? के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। इसी के साथ हम परमाणु बम किन-किन चीजों से बनाया जाता है तथा इसकी प्रक्रिया के बारे में भी आपको बताएंगे।

जैसा कि हम सब जानते हैं, परमाणु बम का इस्तेमाल जब हिरोशिमा तथा नागासाकी में किया गया था, तो वहां पर बहुत बड़ा क्षेत्र इसके प्रभाव में आया था, जिस वजह से काफी ज्यादा नुकसान हुआ था। आज हम परमाणु बम के प्रभाव के बारे में भी आपको बताएंगे, आइए शुरू करते हैं।


परमाणु बम की खोज किसने की ? – Parmanu Bam Ki Khoj Kisne Ki ?

परमाणु बम की खोज अमेरिका के वैज्ञानिक जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने की थी, इसका परीक्षण 16 जुलाई 1945 में न्यू मेक्सिको के एक रेगिस्तान में किया गया था।

यह पहला परीक्षण था, जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। लोगों ने परमाणु हथियार के बारे में जाना तथा इसके खतरनाक प्रभाव को भी देखा।

जब 1945 में  इसका परीक्षण किया गया था, तो मशरूम की तरह एक गुब्बारा उठा था, जो आसमान की ओर बढ़ रहा था। इसका प्रभाव लगभग 16 किलोमीटर तक देखा गया था।


परमाणु बम बनाने की शुरुआत कैसे हुई ?

वर्ष 1934 में इटालियन वैज्ञानिक Enrico Fermi ने न्यूट्रॉन के साथ जब यूरेनियम पर बमबारी किया, तो कुछ नए तत्व का निर्माण हुआ, जिससे हल्की बमबारी के रूप में उपयोग किया जा सकता था।

इसके बाद सन् 1938 में जर्मनी के दो वैज्ञानिकों ने न्यूट्रॉन की बमबारी के साथ-साथ यूरेनियम के विघटन की खोज कर ली।

उसके बाद उन्होंने परमाणु बम बनाने की कोशिश की, परंतु नाभिकीय विखंडन से यह बम बनाने में असफल रहे।

इसके बाद धीरे-धीरे वैज्ञानिकों ने इस पर और अनुसंधान किए और 1945 में परमाणु बम को बनाकर तैयार किया गया।


परमाणु बम क्यों बनाया गया था ?

ऊपर आपने जाना कि Parmanu Bam Ki Khoj Kisne Ki ? अब हम जानते हैं, कि परमाणु बम को क्यों बनाया गया था।

जैसा कि हम सब जानते हैं, अभी तक 2 विश्व युद्ध हो चुके हैं। जिस वजह से काफी नुकसान हो चुका है।

प्रथम विश्व युद्ध में, लोगों का तथा बंदूकों का इस्तेमाल अधिकतर के लिए किया गया था। जिनके पास इन हथियारों की संख्या ज्यादा होती थी, वह जीत जाता था।

परंतु जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते गए और हमारे पास हथियारों की नई तकनीक आती गई, हमारे हथियार भी विकसित होते गए।

जब 1939 के  दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, जर्मनी के तानाशाह हिटलर, जिसे दुनिया को जीतने की चाहत थी, उसने जर्मन सेना को दुनिया पर फ़तह पाने के लिए भेज दिया परंतु जब हिटलर अपनी क्रूरता की वजह से लोगों को मारने लगा, तब अमेरिका को इस बात का एहसास हुआ कि, यदि जर्मनी ने परमाणु हथियार बना लिया,  तो वह इसका इस्तेमाल करने में बिल्कुल नहीं डरेगा।

जब जापानी सैनिकों ने 1941 में अमेरिका पर हमला किया, तो वहां के अधिकारियों ने एटॉमिक बम के निर्माण और परीक्षण की आज्ञा दे दी।

जब जापान अपने सैनिकों के साथ अमेरिका में तबाही मचाने लगा,  तो अमेरिका को मजबूरन परमाणु बम का इस्तेमाल करना पड़ा।

इस तरह से धीरे-धीरे परमाणु बम की उपयोगिता बढ़ती गई और इस्तेमाल होने लगा।


सबसे पहले परमाणु बम का इस्तेमाल कहां किया गया था ?

सबसे पहले परमाणु बम का इस्तेमाल अमेरिका के द्वारा जापान के 2 शहरों में किया गया था।

6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने अपना पहला परमाणु बम जिसका नाम ” Little Boy ” था, उसे हिरोशिमा शहर पर गिरा दिया, जिससे कुछ ही सेकंड में लाखों लोगों की मौत हो गई थी।

इसके बाद 9 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के दूसरे शहर नागासाकी में दूसरा परमाणु बम गिरा दिया था, इस परमाणु बम का नाम ” Badman ” था।

इसके बाद जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया था और दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति हो गई थी।


कितने देशों के पास परमाणु हथियार है ?
  1. अमेरिका
  2. रुस
  3. ब्रिटेन
  4. फ्रांस
  5. चीन
  6. पाकिस्तान
  7. भारत
  8. उत्तर कोरिया
  9. इज़राइल

भारत में परमाणु बम किसने बनाया था ?

ऊपर आपने जाना कि Parmanu Bam Ki Khoj Kisne Ki ? अब हम जानते हैं, कि भारत में परमाणु बम किसने बनाया था ?

सबसे पहले भारत में परमाणु परीक्षण 1974 में इंदिरा गांधी की सरकार में किया गया था। यह परीक्षण राजस्थान के पोखरण में किया गया था, इसका नाम स्माइलिंग बुद्धा रखा गया था।

वर्ष 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में बनाया गया था। इसका परीक्षण भी राजस्थान के पोखरण क्षेत्र में किया गया था।

इस परीक्षण का सारा ज़िम्मा भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की अगुवाई में किया गया था। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने रात दिन एक कर दिया था।

जब परीक्षण किया जा रहा था, तब सारे वैज्ञानिक आर्मी की वर्दी में परीक्षण क्षेत्र तक जाया करते थे, क्योंकि अमेरिका की सेटेलाइट को इस बात का शक ना हो, कि यहां पर कोई परमाणु बम का परीक्षण चल रहा है, इसीलिए आर्मी की वर्दी का इस्तेमाल किया जाता था।

इसी के साथ हमारे देश के मिसाइल मैन कहा जाने वाले डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भी सेना की वर्दी में रहते थे। इस तरह से 10 मई की रात को इस योजना को अंतिम रूप दिया गया, इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन ” शक्ति ” रखा गया।


एक परमाणु बम कितना नुकसान पहुंचा सकता है ?

एक परमाणु बम अपनी रेडियोधर्मिता की वजह से कई क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। यदि मोटे तौर पर देखा जाए, तो यह 16 किलोमीटर को आसानी से तबाह कर सकता है तथा 50 किलोमीटर तक अपना रेडिएशन फैला देता है।

इसका असर सभी प्रकार के जीव जंतुओं पर तथा मानव पर पड़ता है। यह बहुत ही घातक तथा शक्तिशाली बम है, क्योंकि इससे निकलने वाले Radio Active Particle ( रेडियो एक्टिव कण ) लोगों को विकलांग या मृत्यु के घाट उतार सकती है।


परमाणु बम से संबंधित रोचक तथ्य :-
  • सबसे पहले परमाणु बम अमेरिका ने बनाया था।
  • परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम या प्लूटोनियम के परमाणु विखंडन से उत्पन्न ऊर्जा से बनाया जाता है।
  • इसके अंतर्गत परमाणु के केंद्रक में न्यूट्रॉन से टक्कर करवाई जाती है, जिससे बहुत बड़ी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है और इस ऊर्जा को नाभिकीय विखंडन भी कहते हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका युद्ध में परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने वाला पहला तथा एक मात्र राष्ट्र बन गया है।
  • सबसे पहले परमाणु बम का इस्तेमाल जापान के दो शहर हिरोशिमा तथा नागासाकी में 1945 में किया गया था।
  • जब परमाणु बम का विस्फोट किया जाता है, तो उससे 300000 डिग्री सेल्सियस तापमान उत्पन्न होता है।

परमाणु बम बनाने की प्रक्रिया :- 

जब किसी यूरेनियम तथा प्लूटोनियम के बीच में टक्कर करवाई जाती है, तो इससे ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस प्रक्रिया को नाभिकीय विखंडन कहा जाता है।

इस प्रक्रिया के दौरान यदि हम इसमें विस्फोट करते है, तो इससे बहुत अधिक ऊष्मा तथा उर्जा उत्पन्न होती है। इसे एक बंद बक्से में या बम के आकार में रख दिया जाता है, जिससे दबाव की वजह से बाहरी कारकों का इस पर असर नहीं होता है।

जब हम इसमें विस्फोट करते हैं तो यह फट जाता है, और इसके अंदर की ऊर्जा बाहर निकल आती है। इस तरह से परमाणु बम बनाया जाता है।


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Conclusion : –

इस लेख का उद्देश्य Parmanu Bam Ki Khoj Kisne Ki के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है,आशा करता हूं, मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे।

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