गुजराती भाषा की लिपि क्या है ? | Gujarati Bhasha Ki Lipi Kya Hai

Gujarati Bhasha Ki Lipi Kya Hai :- के इस आर्टिकल में हम गुजराती भाषा की लिपि क्या है ? के बारे में जानने वाले है।

आप ने गुजरती भाषा का नाम तो होना ही होगा, जिसको गुजरात शहर के लोग बोला करते हैं। इस टॉपिक में हम गुजरात भाषा की लिपि से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने वाले हैं, तो चलिए शुरू करते हैं।


Gujarati Bhasha Ki Lipi Kya Hai | गुजराती भाषा की लिपि क्या है ?

गुजराती भाषा की कोई अपनी लिपि नही होती है।  इतिहासकारों का ऐसा मानना है, कि गुजराती भाषा की लिपि पूरे तरह से देवनागरी लिपि ” की पद्धति पर आधारित है।

आपको मालूम होगा, कि देवनागरी लिपि हिंदी भाषा की लिपि है। जिस प्रकार से देवनागरी लिपि में 52 अक्षर होते हैं, जिनमें से 38 व्यंजन और 14 स्वर होते हैं।

ठीक उसी प्रकार से कुछ गुजराती भाषा के भी अक्षर होते है। मगर इसमें अक्षरों के क्रम की व्यवस्था भी अत्यंत वैज्ञानिक होती है।

ऐतिहासिक ग्रन्थो के हिसाब से ऐसा माना जाता है, कि गुजराती लिपि एक ध्वन्यात्म लिपि है। जिस तरह से देवनागरी लिपि में दुनिया भर के लाखो करोड़ो स्वरों को और अनेकों भाषाओं के शब्दों को उनके मूल उच्चारण के साथ अभिव्यक्त करने की और उसके बातों को समझने की क्षमता होती है, ठीक उसी प्रकार से यह सब गुण गुजराती लिपि में पाई जाती है।

गुजराती लिपि भी देवनागरी लिपि की तरह बाएं से दाएं लिखी जाती है। इसके उच्चारण और लेखन में काफी समानता है।

हालांकि, गुजराती लिपि में शिरोरेखा नही खींची जाती है। देवनागरी लिपि में हर अक्षर के ऊपर एक लाइन खींची जाती है, उसे ही शिरोरेखा कहा जाता है।

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गुजराती लिपि और देवनागरी लिपि में क्या क्या अंतर है ?

ऊपर हमने जाना, कि Gujarati Bhasha Ki Lipi Kya Hai और अब हम जानेंगे, कि गुजराती लिपि और देवनागरी लिपि में अंतर क्या क्या है ?

हम आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि खासतौर पर गुजराती लिपि और देवनागरी लिपि एक ही है, मगर कुछ अंतर है, दोनों में तो उन सभी अंतर को हमने नीचे में स्टेप बाय स्टेप करके लिखा है।

गुजराती लिपि और देवनागरी लिपि में एक बड़ा अंतर यह है, कि जिस प्रकार देवनागरी लिपि में आधा अक्षर दर्शाने के लिए उसके नीचे हलंत जैसे सूचक चिन्ह (्) का उपयोग किया जाता है, मगर गुजराती लिपि में ऐसा बिलकुल नहीं होता है।

उदाहरण के तौर पर हम देवनागरी लिपि में ” हुक्का ” कुछ इस प्रकार से लिखते हैं, मगर गुजराती लिपि में ” हुकका” कुछ इस प्रकार से लिखा जाता है। दोनों शब्द में अंतर आपको साफ साफ दिख रहा होगा।

गुजराती लिपि में आधे अक्षर के लिए कुछ स्पष्ट निर्देशन नहीं दिया जाता हैं, इसलिए गुजराती लिपि में आधे अक्षर को पूर्ण अक्षर के रूप में ही लिख दिया जाता है।

हमने आपको ऊपर में बताया था, कि गुजराती लिपि और देवनागरी लिपि की पद्धति एक ही है, लेकिन इन दोनों के सभी अक्षर एक दूसरे से काफी अलग है और कुछ मिलते जुलते भी है।

गुजराती लिपि के सभी स्वर देवनागरी लिपि से थोड़े बहुत अलग है, लेकिन इन दोनों के मात्राएं बिल्कुल एक तरह ही लगाई जाती है।

देवनागरी लिपि के व्यंजनों में ण और द को छोड़ कर के सभी दंत्य अक्षर और मूर्धन्य ( यथा – ट, ठ, ड, ढ, त, थ, ध, न, य, र, ल, व, श, ष, स, ह ) इत्यादि जैसे सभी अक्षर गुजराती लिपि से मिलते हैं।

गुजराती लिपि और देवनागरी लिपि की असमानताए इतनी ही नहीं बल्कि गुजराती लिपि के कुछ अक्षर देवनागरी लिपि के अक्षर जैसे लिखे जाते हैं, मगर उनका अर्थ काफी अलग होता है।

गुजराती लिपि का ” द ” देवनागरी लिपि के ” ह ” के समान लिखा जाता है, वही देवनागरी लिपि का ” ज ” गुजराती लिपि के ” ख ” से मिलता है।

इसी भ्रम के वजह से अक्सर देवनागरी लिपि का उपयोग करने वाले लोग ” दवाखाना ” को ” हवाजाना ” पढ़ बैठते है। गुजराती लिपि और देवनागरी लिपि में जिस प्रकार से अक्षर अलग अलग होते है, ठीक उसी प्रकार से इनके संख्याओं में असमानतायें होती है।


गुजराती भाषा की उत्पत्ति कैसे हुई ?

ऊपर हमने जाना, कि Gujarati Bhasha Ki Lipi Kya Hai और अब हम जानेंगे, कि गुजराती भाषा की उत्पत्ति कैसे हुई ?

गुजराती भाषा एक आधुनिक इंडो आर्यन भाषा है, ऐसा माना जाता है, कि इसकी उत्पत्ति संस्कृत भाषा द्वारा विकसित हुई है।

कई साल पहले पश्चिमी राजस्थान और उत्तरी गुजरात में गुर्जर जाती द्वारा गुजराती भाषा बड़ी चाव से बोली जाती थी। गुजराती और राजस्थानी के पूर्वज का इतिहास 1100 – 1500 दशक पुराना है।

ऐतिहासिक ग्रंथों के हिसाब से गुजराती भाषा के काफी महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं, जैसे कि प्रत्यक्ष /  प्रदर्शनियाँ, सहायक क्रियाएं, और तिरछी संज्ञा के रूप, इत्यादि देखने को मिलती है।

ऐसा माना जाता है, कि मध्य गुजराती का इतिहास 1500-1800 ईस्वी का है, जहां पर गुजराती भाषा और राजस्थानी भाषा एक दूसरे से अलग हो गई थी।

मॉडर्न गुजराती का इतिहास लगभग 1800 ईस्वी से माना जाता है, जो कि अभी फिलहाल के समय तक जारी है।

मॉडर्न गुजराती के शुरुआती दिनों में गुजराती भाषा में बहुत बड़ा बड़ा परिवर्तन किया गया। अभी भी गुजरात मे गुजराती भाषाएँ बोली जाती है।


गुजराती भाषा कितने दशक पुराना है ?

कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना है, कि गुजराती भाषा तकरीबन 1000 दशक पुराना है।


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अंतिम शब्द :

उम्मीद करता हूं, कि आप को मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद सेGujarati Bhasha Ki Lipi Kya Hai के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।

हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको गुजराती भाषा की लिपि के बारे में बताने की कोशिश की है।

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